श्रम मंत्री संतोष गंगवार ने संसद के मानसून सत्र के दौरान बताया, लोगों ने 25 मार्च से 31 अगस्त 2020 तक ईपीएफ अकाउंट्स से 39 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा निकाले हैं.
कोरोना संकट (Coronavirus Crisis) के बीच नौकरी गंवाने (Job Loss) वाले लोगों के साथ ही अन्य कर्मचारियों के लिए प्रॉविडेंट फंड (EPF) अकाउंट्स में जमा रकम सहारा बनी. सरकार ने मानसून सत्र के दौरान लोकसभा को बताया कि लॉकडाउन की घोषणा के दिन यानी 25 मार्च से 31 अगस्त के बीच पूरे देश में ईपीएफ मेंबर्स ने 39,402.94 करोड़ रुपये निकाले (Withdraw) हैं.
- News18Hindi
- Last Updated:
September 14, 2020, 9:27 PM IST
ईपीएफ निकासी में कर्नाटक दूसरे और तमिलनाडु तीसरे पायदान पर रहा
श्रम मंत्री (Labour Minister) संतोष गंगवार ने लोकसभा (Lok Sabha) को दिए लिखित जवाब में बताया कि इस साल 25 मार्च से 31 मार्च के बीच ईपीएफ अकाउंट्स (EPF Accounts) से 39,402.94 करोड़ रुपये निकाले (Withdraw) गए हैं. इसमें सबसे ज्यादा रकम महाराष्ट्र (Maharashtra) में निकाली गई है. यहां कर्मचारियों ने कुल 7,837.85 करोड़ रुपये निकाले. इसके बाद इस मामले में दूसरे नंबर पर कर्नाटक (Karnataka) रहा, जहां लोगों ने ईपीएफ अकाउंट से 5,743.96 करोड़ रुपये की निकासी की है. तीसरे नंबर पर तमिलनाडु (Tamil Nadu) और पुड्डचेरी हैं, जहां लोगों ने कुल 4,984.51 करोड़ रुपये निकाले.
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देश की राजधानी दिल्ली (Delhi) में इस दौरान ईपीएफ अकाउंट से 2,940.97 करोड़ रुपये निकाले गए. श्रम मंत्री ने संसद के निचले सदन (Lower House) को बताया कि कोविड-19 महामारी (COVID-19) के कारण आर्थिक गतिविधियों में रुकावटों (Economic Disruption) के कारण मजदूरों के सामने पेश आने वाली मुश्किलों से निपटने के लिए श्रम व रोजगार मंत्रालय (Labour Ministry) की ओर से प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना (PMGKY) और आत्मनिर्भर भारत (Atmanirbhar Bharat) अभियान के तहत कई पहल की गई हैं.
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‘सरकार ने उठाया कर्मचारियों के हिस्से के ईपीएफ योगदान का भार’
संतोष गंगवार ने लोकसभा को बताया कि कोरोना संकट के बीच आर्थिक राहत देने के लिए सरकार ने ईपीएफ के तहत अपने 12 फीसदी हिस्से के साथ ही कर्मचारियों के 12 फीसदी योगदान का भार छह महीने तक उठाया. ये सुविधा उन तमाम संस्थानों को दी गई, जहां 100 तक कर्मचारी हैं और 90 फीसदी कर्मचारियों का वेतन 15,000 रुपये प्रति माह (Monthly Wages) से कम है. इसके अलावा सरकार ने मई, जून और जुलाई 2020 के लिए ईपीएफ में कर्मचारी का योगदान 12 से घटाकर 10 फीसदी कर दिया. वहीं, ईपीएफ से पैसे निकालने की शर्तों को भी आसान किया गया.